इस गरिमामयी अवसर पर श्री संतोष चौबे (कुलाधिपति, टैगोर विश्वविद्यालय), डॉ. सिद्धार्थ चतुर्वेदी (कुलाधिपति, स्कोप ग्लोबल स्किल्स विश्वविद्यालय), डॉ. विजय सिंह (कुलपति, स्कोप ग्लोबल स्किल्स विश्वविद्यालय) एवं डॉ. जवाहर कर्णावट (निदेशक, टैगोर अंतरराष्ट्रीय हिंदी केंद्र) ने पुष्पगुच्छ और प्रवासी हिंदी साहित्य की प्रकाशित कृतियाँ भेंट कीं।
राज्यपाल महोदय ने विश्वविद्यालय की सांस्कृतिक पहल की सराहना करते हुए विश्व रंग के आमंत्रण को ससम्मान स्वीकार किया।
यह भेंट सिर्फ एक औपचारिकता नहीं थी—यह भाषा, कला और संस्कृति के वैश्विक संवाद की पहली रेखा थी।
प्रवासी साहित्य से लेकर स्थानीय गरिमा तक—विश्व रंग 2025 अब एक साझा यात्रा है।