इस उपलब्धि की साक्षी बनीं कई प्रतिष्ठित विभूतियाँ—मुख्य अतिथि श्री कैलाश विजयवर्गीय जी (मंत्री), डॉ शंकर विनायक नाखे जी (पूर्व निदेशक, आरआर कैट), डॉ अनिल कोठारी जी (महानिदेशक, MPCST), प्रो सुधीर भदौरिया जी और डॉ अमोघ गुप्ता जी की गरिमामयी उपस्थिति ने इस क्षण को ऐतिहासिक बना दिया।