Event Time & Date - Sat, July 19, 2025
जब देश की भाषा ज्ञान की भाषा बनती है, तो इतिहास बनता है।
रबींद्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय में दो दिनों तक हिंदी की वैचारिक गूंज सुनाई दी। विश्व रंग के साथ मिलकर आयोजित ‘अंतरराष्ट्रीय हिंदी शोधार्थी सम्मेलन’ ने साबित कर दिया कि हिंदी अब सिर्फ दिलों की भाषा नहीं, बल्कि दुनिया भर के शोध और ज्ञान की भी भाषा है।
चीन से कतर तक, अमेरिका से ब्रिटेन तक... जब दुनिया के विद्वान कहते हैं कि हिंदी में ही विश्व स्तरीय व्यक्तित्व पैदा होते हैं, तो गर्व होता है!
यह सिर्फ एक सम्मेलन नहीं था, यह एक आंदोलन है – ज्ञान को अपनी भाषा में घर-घर पहुँचाने का।